जन्म चक्र सिद्धि यंत्र
वरिष्ठ गुरुभाईयों का आशीर्वाद और उनके द्वारा प्रदत्त ज्ञान का कोई मोल नहीं हो सकता है और, न ही उसका मोल जीवन में कभी चुकाया ही जा सकता है 🌹🙏
अगर कुछ करने की इच्छा भी हो तो उनके इस प्रेम को अपने अंतर में ही अनुभव करना चाहिए । यही गुरुभाईयों के लिए सच्ची श्रृद्धांजलि है और यही वास्तव में गुरु - शिष्य परंपरा है । ये देखना भी एक सुखद आश्चर्य ही रहता है कि गुरु सत्ता किस प्रकार से अपने शिष्यों के हित के लिए किसी भी रूप में हमारे सामने आ खड़ी होती है, आवश्यकता के समय हमको ज्ञान प्रदान करती है, हमारी शंकाओं का निवारण करती है और हमें एक दिव्य स्थिरता देकर, वापस शून्य में लीन हो जाती है ।
आज जिस यंत्र की चर्चा यहां पर हो रही है, उसको जन्म चक्र सिद्धि यंत्र कहते हैं । मुझे ये यंत्र अपने वरिष्ठ गुरु भाई से प्राप्त हुआ था, साधना तो भले ही मैंने इस पर केवल मात्र एक ही बार संपन्न की थी लेकिन वास्तविकता में इसकी उपस्थिति मात्र से व्यक्ति को यह कला आ जाती है कि अपनी जन्म कुंडली के भावों का शोधन व्यावहारिक रूप से किस प्रकार से किया जाता है । हालांकि इसमें समय लगता है कि और इसके भी मूल में गुरु कृपा ही रहती है । मुझे अच्छी तरह से याद है कि इस यंत्र को प्राप्त करने के बाद भी कम से कम 5 वर्ष का समय मुझे लगा था इसकी शक्ति को आत्मसात करने के लिए ।
मैं ये नहीं कहता कि आपको भी 5 वर्ष का ही समय लगेगा, लेकिन ये प्रक्रिया का हिस्सा है और समय लगता है । लेकिन यंत्र आपके पास हो, तभी ये कार्य भी संभव है ।
जन्म कुंडली में 12 भाव या घर होते हैं और प्रत्येक घर में कोई न कोई राशि होती है । प्रत्येक राशि का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता ही है । कुंडली में अलग - अलग भावों में ग्रह अलग - अलग भी विराजमान हो सकते हैं और एक साथ भी, परिस्थिति चाहे जो भी हो, उसका प्रभाव हमारे पूरे जीवन पर पड़ता है ।
अष्टक वर्ग ज्योतिष के माध्यम से हमने अपने जीवन के बहुत से रहस्यों को जाना है और हमने प्रत्येक भाव की शक्ति को भी पहचाना है । सर्वाष्टक वर्ग कुंडली या भाग्य कुंडली के माध्यम से ये आसानी से जाना जा सकता है कि हमारा कौन सा भाव मजबूत है और कौन सा भाव कमजोर ।
इसके साथ ही कुछ भाव जरूरत से ज्यादा भी मजबूत हो सकते हैं । उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आपका 12 वां भाव बहुत ज्यादा मजबूत है तो फिर ये आपको खुले हाथ से खर्च करने वाला बना सकता है । अगर आप करोड़पति हैं तब तो कोई बात नहीं । लेकिन अगर जीवन में धन की समस्या बनी रहती है और फिर भी आपका स्वभाव खुले हाथ से खर्च करने वाला बना रहे तो ये आपको मुसीबत में डाल सकता है ।
यही कारण है कि भावों के शोधन की आवश्यकता पड़ती है और इसके माध्यम से हम अपने जीवन में उन तत्वों को प्राप्त कर सकते हैं जो जीवन को सहज भाव से जीने के लिए आवश्यक है ।
करीब 14 - 15 वर्ष बाद ये मौका मिल रहा है जब इन यंत्रों का पुनर्निर्माण होने जा रहा है । इनसे संबंधित साधना विधि मैं अगले भाग में प्रकाशित कर दुंगा लेकिन अभी जो तथ्य आपको समझना है वह ये है कि इस यंत्र की उपलब्धता सीमित मात्रा में ही हो सकेगी और वह भी सीमित समय के लिए ।
यंत्र निर्माण की प्रक्रिया बहुत खर्चीली नहीं है तो बहुत सस्ती भी नहीं है । साथ ही, ये कार्य किसी व्यावसायिक उद्देश्य से नहीं किया जा रहा है । इसलिए इस वक्त केवल उतने ही यंत्र निर्माण का ऑर्डर दिया जाएगा, जितने यंत्रों के लिए गुरु भाई - बहन इच्छुक होंगे ।
इस यंत्र के साथ एक अद्वितीय और दुर्लभ यंत्र का भी निर्माण होने जा रहा है जिसका नाम है गुरु सायुज्य तंत्र कर्म सिद्धि मंडल - अगर आपने महाशांति साधना विधान पर प्रकाशित पोस्ट का अध्ययन किया है तो आप इस यंत्र से अवश्य परिचित होंगे ही । जीवन में शांति का वरदान केवल इसी यंत्र के माध्यम से संभव है । अगर आपने उस लेख का अध्ययन नहीं किया है तो आप इस लिंक पर जाकर उस लेख के बारे में पढ़ सकते हैं । वहां इस यंत्र से संबंधित समस्त जानकारी उपलब्ध है ।
जिस घर में इस यंत्र की स्थापना होती है वहां भगवान मृत्युंजय की कृपा स्वतः ही प्राप्त होती रहती है । इसलिए इस यंत्र को अपने घर में स्थापित करके यदि इसके मूल विधान को 2 - 4 बार भी संपन्न कर लिया जाए तो किसी भी प्रकार की ग्रह बाधा को शांत किया जा सकता है ।
इन दो दुर्लभ यंत्रों के अलावा आपके लिए एक और दुर्लभ पारद गुटिका उपलब्ध होने जा रही है । कुछ समय पूर्व वाराणसी में परम पूज्य सदगुरुदेव का शिविर संपन्न हुआ था, जिसमें अष्ट संस्कारित पारद गुटिकाओं को भी उपलब्ध कराया गया था । कुछ गुटिकायें अभी भी उपलब्ध हैं तो मेरा विचार है कि इन गुटिकाओं को भी आप सभी तक पहुंचाने का कार्य इसी समय हो जाए ।
इन गुटिकाओं को धारण करने का विधान है और अगर इनको पहनकर कुछ विशेष साधनायें संपन्न की जायें तो जीवन में आरोग्यता स्वतः ही आने लगती है । इन गुटिकाओं को धारण करनी की विधि और नियम गुटिका के साथ ही आपको भेज दिये जाएंगे, इसलिए इस ओर से निश्चिंत रहें ।
इन यंत्रो का मूल्य निर्धारण भी हो चुका है -
गुरु सायुज्य तंत्र कर्म सिद्धि मंडल Rs. 1100
जन्म चक्र सिद्धि यंत्र Rs. 300
आरोग्य वर्धिनी अष्ट संस्कारित पारद गुटिका Rs 1250
अगर आप इन यंत्रों/पारद गुटिका को प्राप्त करने के इच्छुक हैं तो आप गूगल पे या फोन पे (8979480617) या QR code के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं । पेमेंट करने के बाद संबंधित विग्रह का नाम लिखकर, अपना पूरा पता हमारे WhatsApp ग्रुप में प्रेषित कर दीजिएगा ।
विशेषः
जन्म चक्र सिद्धि यंत्र किसी व्यक्ति विशेष के लिए ही कार्य करता है । अगर आपके घर में 2 सदस्य हैं तो आपको 2 अलग - अलग यंत्र लेने चाहिए ।
गुरु सायुज्य तंत्र कर्म सिद्धि मंडल पूरे परिवार में केवल एक ही पर्याप्त है ।
इन यंत्रों की प्राण प्रतिष्ठा की विधि समय आने पर टेलीग्राम पर सेशन के माध्यम से आपको समझा दी जाएगी ।
जैसे ही यंत्र तैयार हो जाएंगे, आपको कूरियर के माध्यम से भेज दिये जाएंगे । यंत्र निर्माण अभी शुरु नहीं हुआ है और मेरा विचार है कि 10 दिसंबर के बाद इन यंत्रों के निर्माण का कार्य शुरु हो जाए । तब तक जितने भी भाई - बहन अपना ऑर्डर दे देंगे, उनका यंत्र बनवाकर भेज दिया जाएगा।
ये सभी यंत्र एवं विग्रह दुर्लभ हैं और इनके पुनर्निर्माण में भी लगभग 15 वर्ष लग गये हैं । इसमें भी मेरा अपना कुछ प्रयास नहीं हैं; कुछ गुरुभाईयों ने इसका सारा वजन अपने कंधों पर उठा रखा है । इसलिए इस समय का महत्व समझें और समय रहते ही इन यंत्रों को प्राप्त करने का प्रयास करें ।
इन यंत्रों और विग्रहों के माध्यम से आपको अपने जीवन में उन तत्वों की प्राप्ति हो सके जो जीवन में परम शांति प्राप्त करने में सहायक हैं, ऐसी ही मैं सदगुरुदेव महाराज के श्रीचरणों में प्रार्थना और निवेदन करता हूं ।
अस्तु ।
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